Shodashi - An Overview
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Local community feasts Engage in a major part in these functions, exactly where devotees occur jointly to share foods That usually include common dishes. These kinds of meals rejoice each the spiritual and cultural areas of the Competition, boosting communal harmony.
The Mahavidya Shodashi Mantra supports psychological stability, endorsing healing from past traumas and inner peace. By chanting this mantra, devotees uncover release from negative thoughts, producing a well balanced and resilient mentality that assists them confront lifetime’s issues gracefully.
Every struggle that Tripura Sundari fought can be a testomony to her could plus the protecting nature on the divine feminine. Her legends continue to encourage devotion and therefore are integral towards the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
here यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।
This Sadhna evokes countless strengths for all round economical prosperity and balance. Expansion of business, name and fame, blesses with extended and prosperous married daily life (Shodashi Mahavidya). The effects are realised right away once the accomplishment in the Sadhna.
She's depicted like a 16-calendar year-previous Woman that has a dusky, pink, or gold complexion and a third eye on her forehead. She is one of the 10 Mahavidyas and is also revered for her splendor and electrical power.
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
The essence of these events lies inside the unity and shared devotion they encourage, transcending specific worship to make a collective spiritual environment.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि